राजस्थानी रामलीला री तीसरी रात री लीला मांय सीता स्वयंबर अर लिछमण परसुराम संवाद रो होयो मंचन
●आयो-आयो सगा रो सुवटीयो लेयग्यो टोळी मांय सू टाळ कोयल बाई....
●छोटी सी उमर परणाई ओ बाबो सा कांई थारो करयो मैं कसूर
सूरतगढ़ 18 अक्टूबर ( राजस्थानी रामलीला समचार )
जद-जद मायड़ भासा राजस्थानी री संवैधानिक मानता सारू कोई बड़ो आयोजन हुयो उण मांय सूरतगढ़ री महताऊ भूमिका रैयी है। भंलाई विधानसभा , जैपुर आगे धरणो हुवै तो अठै सूं दो बसां भरीज’र गेई । राजस्थानी महासम्मेलन अर मायड़भासा राजस्थानी छात्र मोर्चा , राजस्थान रो प्रदेश सम्मेलन , सूरतगढ़ में हुयो । मायड़भासा सनमान जात्रा री सरुआत सूरतगढ सूं होई । 6 मई 2015 , जंतर मंतर , नई दिल्ली माथै राजस्थानी धरणे में सूरतगढ़ सू दो बसां में मायड़भासा हेताळु आपरी हाजरी मंडाई ।
राजस्थानी भासा आंदोलन में हरमेस सूरतगढ़ आगीवांण रैयो । इणी परम्परा ने आगै निभावता थंका लारलै आठ बरसां सूं राजस्थानी मांय रामलीला खैलीज रैयी है । आ सूरतगढ खातर गिरबेजोग बात है । सूरतगढ सूं उठयोड़ी चिणगारी राजस्थानी री मानता री जोत बणी है। इण बात री साख आखो देस भरे है । सूरतगढ रै वार्ड नम्बर 27 बिरामण धरमशाळ रै अनुणै पासै हनुमान चौक हनुमान बाल रामलीला रै मंच माथै राजस्थानी रामलीला संस्थान कानी सूं राजस्थानी रामलीला री तीजी रात री लीला मांय सीता स्वयंवर री रंग प्रस्तूति नुवै रंग संसार में लेय जावै । जिण में राजा जनक , राम लिछमण , परसुराम अर बीजा राजावां रो ठेठ राजस्थानी मांय संवाद अदायगी सरावणजोग रैयी अर देखनआळा घणी सराई । इतरो ई नंई राम सीता रो ब्याव , ठेठ राजस्थानी परम्परा साथै परणीजण रो दरसाव घणो सांतरो बण्यो । जिणा मांय , अबै म्हारी लाडली रो पैलो फेरो अर व्हीर हुवंती वेळा - छोटी सी उमर परणाई ओ बाबो सा , रो सजीव दरसाव देख’र देखनआळी लुगाइयाँ री आंख्या छलिजगी ।
संवादा री बानगी
जनक - मंत्री जी सगळै राजवां नैं स्वयंवर री सरत ऊंची आवाज में सुणा दी जावै । जद किणी राजा सूं धनुष कोनी तोड़िजे तो निराश मन सूं राजा जनक कैवै , एक ई वीर धनुष कोनी तोड़ सक्यो , म्हानै तो लागै जाणै धरती वीरां सूं खाली होयगी तो लिछमण रीसा मांय आय'र केवै , रंघुवंसी वीरां रै थकां बेजचती बात कैय दी है , ऐ बोल काळजै में रड़के है , कै धरती वीरां सूं खाली होयगी । ईयां परसुराम जी आवै अर शिवजी रो धनुष टुटेड़ो देख’र रिसाणा हुयर कैवे , ओ जनक बेगो बता ओ धनुष कुण तोड़्यो है , किस्योड़ै इण भरी सभा में सीता सूं नातो जोड़्यो है । बेगो उणरी सूरत बता नंई तो सो कीं उथळ - पुथळ कर नाखूंलो । जितरी दूर धरती माथै राज तेरो चैपट कर देवूंला । जेड़ा दरसाव सगळा देखनआळा माथै निरवाळी छाप छोड़ दी।
तीजी रात री लीला रा कलाकार
राम - राजेश लाम्बा , लिछमण - प्रदीप जसुजा , जनक - रामकुमार पुरोहित , विश्वामित्र - विनोद औझा , वशिष्ठ - युग औझा, रावण - संदीप देरासरी , सीता - दिव्या भाकर , दशरथ - संदीप , परशुराम - विकास सारस्वत , राजा - विष्णु उपाध्याय , पारुल , कार्तिक , वासु पुरोहित , राणी सुनैना - प्रमोद बिश्नोई , फेरां रा पंडित - मुरलीधर उपाध्याय बण्या ।
ऐ बण्या तीसरी रात री लीला रा साखी
अनिल राजपुरोहित , भगवान री आरती कर लीला री सरुआत करी अर राजस्थानी भासा री मानता सारू राजस्थानी रामलीला नैं मील रो पत्थर बतायो । बठैई राजस्थानी भासा री मान्यता सारू तन - मन - धन रो संकळप दुसरायो । लीला मांय मंच रौ संयोजन आकाशवाणी रा उदषक मनोजकुमार स्वामी कर्यो अर निरदेसण राकेश शर्मा करयो । अध्यक्ष सत्यनारायण तावणिया आभार जतायो । राम - सीता रै ब्याव रै सरैव मांय पैलड़ा जिला प्रमुख पृथ्वीराज मील अर वां री जोड़ायत सुमन मील कन्यादान करयो । इण मौकै पर वां आपरी संस्था एक छोटी सी आशा कन्यादान री जाणकारी भी दी ।
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