राजस्थानी रामलीला मांय भरत मिलाप रो दरसाव देख'र देखनआळा री आंख्या सजळ व्हैगी
● बेगो आ ... बेगो आ ...आ बेगो आज्या म्हारा राम,थानै भाई भरत बुलावै है.....
सूरतगढ़ 20 अक्टूबर ( राजस्थानी रामलीला , सूरतगढ ) राजस्थानी भासा मान्यता आंदोलन सारू अनुठो प्रयोग है राजस्थानी रामलीला ।आपणी संस्कृति , शिक्षा , संस्कार नुवीं पीढ़ी में बधे ओ ई उद्देश्य है इण रामलीला रो । ऐ रंग राजस्थानी रामलीला री पांचवीं रात री लीला मांय भरत मिलाप दरसाव में दिख्या । भरत अर राम रो प्रस्तुत गीत हिवड़ै माथै मांडणा मांड देवे-""बेगो आ ... बेगो आ ...बेगो आज्या म्हारा राम , थानै भाई भारत बुलावै है। ओ गीत सुण'र देखणआळा री आंख्यां सजळ व्हैगी । लीला मे अभिनै करण वाळा कलाकार आमजन नुवा रंग सूंपेै इणरी साख उमडयोड़ी भीड़ री सूं चालै ।राजस्थानी रामलीला रो जादू इत्तो देखीज्यो कै बिरामण धरमसाळ राे प्रांगण छोटो पड़ग्यो । इण रामलीला में राजस्थानी भासा , साहित्य अर संस्कृति रै साथै - साथै न्यारा - न्यारा खेतर में रचनात्मक काम करणिया सूझवान सिरै मिनखां नें बुलाया जावै । जिणमें सामाजिक कारज बेटी बचाओ , बेटी पढ़ायो , रूंख रोपण , साफ - सुथरो भारत अभियान , शिक्षा रो प्रचार - प्रसार करयौ जा रैयो है ।
साम्प्रदायिक सद्भावना री जबरी मिसाल है राजस्थानी रामलीला
राजस्थानी रामलीला रै मंचन रै मिस लोककला , संस्कृति रै सवंर्धन रै साथै मानता रै संघर्स नें मजबूत देखन आळा जै कारो -
जै जै राजस्थानी , जै ,
जै सियापति राम जी री ,
जै करणी मईया री ।
बठेै ई इण रामलीला मांय काम करणिया कलाकारा में हिन्दू , मुस्लिम , सिख सगळा धरमा रा लोग रळ'र मायड़भासा राजस्थानी रामलीला खेल'र ऐक नुवीं मंजल थरपी है ।
पांचवीं रात री लीला रा आदरजोग पांवणा :-
डाः उग्रसैन सारस्वत अर डाः स्वाती सारस्वत भगवान राम री आरती करवा'र लीला री सरुआत करी । बां रै साथै साथै जिला औषध अधिकारी गौरीशंकर वर्मा , धरमेंदर पारीक , पूजा छाबड़ा , रमेश आसवानी समेत घणाई मौजिज पांवणा रामलीला देखण पूग्या आद । रामलीला में सूत्रधार री भूमिका रोहितास सारस्वत निभावता राजस्थानी दुहा , कैबत , लोक संस्कृति री बाता नुवा रंग भरै ।
आं पात्रां करयो अभिनै
राजेश लाम्बा - राम , दिव्या भाकर - सीता , दिनेश बावरा - भरत , अनिकेत - शत्रुधन , दिनेश पारीक - वशिष्ठ , टीना पारीक - कौशल्या , संजय बिश्नोई - कैकई , नितिन - सुमित्रा , विनोद औझइया - युद्धजीत , गुलजारी सुखीजा - केवट , धीरज स्वामी - निषादराज , कार्तिक - मंत्री , तपेश - दूत , तनुज - दासी । निर्देसण राकेश शर्मा , बणाव सिणगार वेद प्रकाश गावड़ी अर अलका करयो ।
घणैमान घणी-घणी हियेतणी बधाई सा
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