भगवान श्री राम रै राजतिलक साथै इण बरस री राजस्थानी रामलीला सम्पूर्ण
●लंका जीत जद राम घर आए, घर-घर बंटै बधाई
भरत सुंप्यो है राज राम नै, प्रजाजण हरख मनावै है
सूरतगढ़ 25 अक्टुबर ( राजस्थानी रामलीला समचार, सूरतगढ)
10 दिनां तांई मायड़ भाषा राजस्थानी री सिमरिद्धता री धूम मचावण आळी ऑनलाईन अर सांपड़तै ब्राहमण धरमसाळ खनै हड़मान चौक पर खेलीजण वाळी इण बरस री राजस्थानी रामलीला भगवान श्री राम रै राजतिलक रै साथै सम्पूर्ण हुई। लारलै दो महीना सूं राजस्थानी रामलीला संस्थान रा रंगमंच रै कलाकारां दिन रात अेक कर राजस्थानी रामलीला रो मंचन कर्यो। जिण नै मीडिया रै माध्यम फेसबुक लाईव, वाट्सएप, यू ट्यूब सूं प्रदेस अर देस-विदेस मांय घणो स्नेह समरथन मिल्यो।
राजस्थानी भासा नैं मिलणी चाईजै सरकारी मानता :-
आं 10 दिनां मांय पांवणा रै रूप मांय पधारया जनप्रतिनिधियां, सामाजिक कार्यकर्तावां अर भासा हेताळूवां, साहित्यकारां कांनी सूं राजस्थानी भासा आंदोलन माथै घणी बातां करता थकां भासा हेताळूवां राजस्थानी भासा री मानता नीं होवण सूं घणो रोस देखण नै मिल्यो। राजस्थानी रामलीला रो मंचन एक मोटो कारज होवण रै साथै-साथै कम संसाधनां अर पूरी व्यवस्थावां नीं होवण रै पछै ई आ रामलीला बड़ै ई रोचक ढंग सूं खेलीजी। राजस्थानी लोकगीतां अर लोकनाच री प्रस्तुतियां ई करीजी जिणसूं राजस्थानी संस्कृति, संस्कार, शिक्षा मांय बधापो होयो।
राजस्थानी रामलीला में आ रो रैयो सैयोग :-
संस्था पाटवी सत्यनारायण तावणिया, रूखाळणहार मुरलीधर उपाध्याय, अर्जुन जोशी, जगदीश प्रसाद स्वामी, पृथ्वीराज स्वामी, हंसराज भादू , ताराचंद निराणिया, रेवन्त व्यास, शिवकान्त, ओमप्रकाश, बाबूराम, राकेश शर्मा, हरीश स्वामी, अशोक स्वामी , हरीश हैरी आद री मैणत सूं राजस्थानी रामलीला रो अेतिहासिक मंचन व्हीयो।
आरती अर राजतिलक रा पावणा :-
इण रात री लीला री आरती हड़मान जी करी अर राजतिलक रो सरेव पालिकापाटवी परसराम भाटिया करयो। वां रै साथै साथै डॉ केएल बंसल सैजोंड़ै, डॉ उग्रसेन सारस्वत, देशपाल गुप्ता , राजकुमार गर्ग, मिथलेश कटारिया आद मौजिज नागरीक सामल हुया । लोकगीतां पर नाच'र राजस्थानी संस्कृति नै आगै राखी। रामलीला रे छैकड़ में मुरलीधर उपाध्याय राजस्थानी रामलीला रा सगळा कलाकारां, पावणा अर सांपड़तै नै ऑनलाईन देखनआळा रो घणो गुण मान्यो। मंच संचालन रोहिताश सारस्वत, विकास सारस्वत करयो। कलाकारां अर लाखीणो सागो देवणवाळां नैं ओळ्यूं री निसाणी, पोथी आद भेंट करीजी।
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