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मंगलवार, 18 अप्रैल 2023

राजस्थानी भाषा की उपबोली ढूंढाड़ी में साहित्य संवर्धन और शोध पर विशेष प्रयासों की आवश्यकता-भवानीसिंघ राठौड़ 'भावुक'

राजस्थानी भाषा की उपबोली ढूंढाड़ी में साहित्य संवर्धन और शोध पर विशेष प्रयासों की आवश्यकता-भवानीसिंघ राठौड़ 'भावुक'
● ढूंढाड़ संस्कृति परिषद की गोष्ठी संपन्न
जयपुरः 17 अप्रेल।  लुप्त होती ढूंढाड़ी संस्कृति के संरक्षण तथा राजस्थानी साहित्य सृजन में ढूंढाड़ी के योगदान को रेखांकित करने एवं इसके संवर्धन की कार्ययोजना बनाने के लिए ढूंढाड़ संस्कृति परिषद के अध्यक्ष डॉ. गोविन्द शंकर शर्मा की अध्यक्षता में कल एक गोष्ठी संपन्न हुई। इस गोष्ठी में राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा ढूंढाड़ी साहित्य एवं साहित्यकारों की निरंतर उपेक्षा को गंभीर चिंतन का विषय बताते हुए राजस्थानी साहित्य एवं संस्कृति में ढूंढाड़ के योगदान को रेखांकित करने हेतु उचित कदम उठाए जाने तथा ढूंढाड़ी लोक पर्व, गीत-नृत्य, रंगमंच, लोकनाट्य, साहित्य सृजन के संरक्षण व संवर्धन करने की रूपरेखा तैयार की गई। गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि श्री किशोर पारीक 'किशोर',  श्री सोहन प्रकाश 'सोहन', श्री मानसिंह शेखावत मऊ, श्री प्रहलाद कुमावत 'चंचल', श्री भवानी सिंह 'भावुक',  श्री विनय कुमार शर्मा 'अंकुश', श्री भगवान सहाय पारीक, श्री कन्हैया सैनी, श्री राजेश जोशी,  वरिष्ठ रंगकर्मी एवं नाट्य निर्देशक श्री रविदत्त माथुर,श्री रणवीरसिंह, कवियित्री एवं प्रसिद्ध लोकगीत गायिका व दूरदर्शन कलाकार श्रीमती सुशीला शर्मा, संस्कार भारती के संस्कृति शोध विशेषज्ञ श्री रविन्द्र भारती, टेलीफिल्म निर्माता और निर्देशक प्रदीपसिंह राजावत इत्यादि  उपस्थित थे।

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