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गुरुवार, 8 जुलाई 2021

जोधपुर के हवाई अड्डे का नाम महाराजा ऊमेदसिंहजी के नाम पर किये जाने की अपील करे - उनके 118 जयन्ति वर्ष पर यही सच्ची श्रधांजलि होगी ।-डाँ. महेन्द्रसिंह तँवर

जोधपुर के हवाई अड्डे  का नाम महाराजा ऊमेदसिंहजी  के नाम पर किये जाने की अपील करे - उनके 118 जयन्ति वर्ष  पर यही सच्ची श्रधांजलि होगी ।-डाँ. महेन्द्रसिंह तँवर 

जोधपुरः08 जून। भारतीय वायु सेना के प्रथम हिंदुस्तानी एयर वाईस मार्शल थे महाराजा ऊमेद सिंह जी जोधपुर महाराजा को मारवाड़ मे हवाई अड्डो का निर्माता कहते है।बड़े दुर्भाग्य कि बात हैं की आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने जा रहे हैंलेकिन जोधपुर के हवाई अड्डे को अब भी अपने निर्माता के नाम को ग्रहण करने के लिए इंतज़ार करना पड़ रहा।
नेपाल त्रिपुरा मैसूर उदयपुर मुम्बई दिल्ली आदि अनेक स्थानो के हवाई अड्डों के नाम आज़ादी के बाद रखे गये जो शायद उन लोगों ने बनाए भी नहीं थे ।  लेकिन देश में एक मात्र जोधपुर महाराजा ऊमेदसिंहजी हैं जो स्वयं विमान चालक 24 हवाई पट्टियों के निर्माता तथा जोधपुर जैसे अपने समय के  अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माता थे ।
  महाराजा ने  1924-25 में जोधपुर ओर उत्तरलाई ( बाड़मेर ) का हवाई अड्डा बनवाया जो आज भी भारतीय वायु सेना के प्रमुख हवाई अड्डे माने जाते है। जोधपुर के हवाई अड्डे पर महाराजा ने लगभग एक लाख छतीस हज़ार आठ सौ तीस रुपये ख़र्च किए तथा उत्तरलाई पर उस समय नौ हज़ार छः सौ दस रुपए ख़र्च हुए । 
               
जोधपुर हवाई अड्डा 1936 तक अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन चुका था , इस वर्ष 761 हवाई जहाज़ों का आवागमन हुआ महाराजा ऊमेद सिंह जी को श्रेय जाता है की उन्होंने ही पहल करते हुवे “जोधपुर फ्लाइगं क्लब “की 1931 में स्थापना की । सप्ताह में छः दिन क्लब से हवाईजहाज उड़ान भरते है। एरियल पिकनिक भी होती थी 10 रुपए में जोधपुर शहर का हवाई भ्रमण भी कराया जाता था । इससे मारवाड़ के दर्शनीय स्थानो पर पर्यटन भी बढ़ने लगा था । 1947  तक जोधपुर रियासत ने हवाई क्षेत्र पर एक करोड़ चार लाख दस हज़ार दो सो बत्तीस रुपए व्यय किए थे ।
महाराजा ऊमेद सिंह जी को 23 जून 1931 में “ एयर कमोड़ोर “ तथा 1945-46  में “एयर वाइस मार्शल “ का पद ब्रिटिश सरकर ने प्रदान किया था।वे प्रथम भारतीय थे जिन्होंने वायु सेवा व सेना के क्षेत्र में बहुमुखी कार्य किया । उनके जैसा कोई नहीं लेकिन उन्हें भी अपने स्वम के बनाए जोधपुर हवाई अड्डे पर भी उनकी स्मृतियों को मिटा दिया गया ।जोधपुर हवाई अड्डे का नामकरण महाराजा ऊमेदसिंह जी के नाम पर नहीं किया जाना हमारे जन प्रतिनिधियों की मानसिकता को भी दर्शाता हैं । 
 आज उनकी 118 जयन्ती पर हम सब को प्रण करना चाहिये कि हम सब मिलकर सरकार पर दबाव बनाये ताकि राज्य सरकार शीघ्र विधान सभा में प्रस्ताव पारित कर केन्द्र को भेजे। केन्द्र में राजस्थान के पच्चीस एम. पी . हैं कई तो बड़े मंत्री भी हैं हम उनसे भी यही आशा रखते हैं की वे भी इस विषय को गम्भीरता से लेकर कार्य को पूर्ण करने में अपनी सहभागिता का परिचय दे । जोधपुर हवाई अड्डे का नाम महाराजा ऊमेदसिंहजी के नाम पर किए जाने के इस जन आन्दोलन में आप सभी भागीदार बने यही आप सभी से विनम्र अपील हैं ।

महाराजा गजसिंह जी जोधपुर का  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम पत्रः-

प्रिय अशोक गहलोत जी,

मैं आपको स्व. हिज हाईनेस महाराजा उम्मेदसिंहजी साहिब, जो कि आधुनिक मारवाड़ के निर्माता भी कहे जाते हैं उनके द्वारा उड्डयन के क्षेत्र में किए गए  कार्यों से आपका परिचय करवाना चाहूंगा।  महाराजा उम्मेदसिंहजी अपने समय के प्रख्यात पायलट थे और उन्होंने दोनों 'A' एवं 'B' उड्डयन लाइसेंस प्राप्त किये थे, साथ ही Royal Air Force के ‘विंगज’ भी अर्जित किये थे। आपको यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता एवं आश्चर्य भी होगा कि 1932 में जोधपुर हवाई अड्डा, अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की श्रेणी में था। The Imperial Airways, Air France and K.L.M.  के हवाई जहाज जोधपुर में संचालित होते थे । 1934 तक महाराजा उम्मेदसिंहजी ने कई हवाई अड्डे भी बनवाये जो कि आज भारत की नागरिक और रक्षा विमानन में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के समय नियमित हवाई यात्रा को स्थगित कर दिया गया था। उनकी आज्ञा से 2nd Elementary  Flying Training School की स्थापना रॉयल एयरफोर्स के अन्तर्गत हुई। जिसने भारत में विमानन प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया। आजादी के पश्चात् विमानन की पूर्ण रूप से सुगमता भारतीय वायुसेना को हस्तांतरित कर दी गई। इसके साथ ही स्टेट होटल को एयरफोर्स मेस में दे दिया गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जोधपुर में विमानन अवरोधित ना हो।

जोधपुर हवाई अड्डा स्व. हिज हाईनेस महाराजा उम्मेदसिंहजी द्वारा बनवाया गया था और यही नहीं अपितु यह एक अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा था और पश्चिमी राजस्थान में उनके द्वारा स्थापित विमानन संरचना भी भारतीय वायुसेना  को उन्हीं की देन है। अतः मारवाड़ वासियों की हार्दिक इच्छा के तहत आपसे जोधपुर हवाई अड्डे का नामकरण ‘महाराजा उम्मेदसिंहजी जोधपुर हवाई अड्डा’ रखे जाने हेतु अपील करता हूँ। साथ ही आपसे अनुरोध है कि आगामी विधानसभा सत्र में जोधपुर हवाई अड्डे का नामकरण इस बाबत् करने हेतु एक प्रस्ताव पारित करवाकर केन्द्र सरकार को अग्रिम कार्यवाही हेतु भिजवाकर मारवाड़ वासियों को एक सौगात प्रदान करावें, जो स्व. महाराजा उम्मेदसिंहजी की विमानन क्षेत्र में दिये गये उल्लेखनीय योगदान बाबत् सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित होगी। 

मंगलकामनाओं सहित।

 शुभेच्छु

गजसिंह  जोधपुर

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