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मंगलवार, 8 मार्च 2022

भाषा के मुद्दे को गेंद समझने वाले बयान पर बी डी कल्ला की आलोचना

राजस्थान राजस्थानी भाषा की मान्यता के मुद्दे को विधानसभा में उठाए जाने पर राजस्थानी भाषा प्रेमियों में काफी उत्साह 

भाषा के मुद्दे को गेंद समझने वाले बयान पर बी डी कल्ला की आलोचना 

जयपुर 08 मार्च - 
 राजस्थानी भाषा मोटयार परिषद की एक ऑनलाइन बैठक संपन्न हुई । जिसमें उल्लेख किया गया कि भाजपा के विधायक व पूर्व मंत्री जोगेश्वर गर्ग , विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ,  विधायक बलवान पूनिया द्वारा राजस्थानी भाषा को राजभाषा बनाए जाने व केंद्र सरकार द्वारा आठवीं अनुसूची में शामिल करने के मुद्दे को विधानसभा में  विस्तार से उठाया गया । जिसका राजस्थानी भाषा प्रेमियों ने तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हुए विघायको का बहुत-बहुत आभार व्यक्त किया । इस ऑनलाइन बैठक में चर्चा की गई कि जोगेश्वर गर्ग ने अपनी बात उठाते हुए कहा था विधानसभा में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि मातृभाषा वह है जो मेरी मां बोलती है । मां की भाषा को प्राथमिक शिक्षा में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार ने नया विधेयक भी लागू कर दिया है । लेकिन राज्य सरकार लगातार इस मामले को लंबा खींचने में लगी हुई है । इसी कड़ी में मोटयार परिषद के वक्ताओं ने राजस्थान के सांस्कृतिक  मंत्री कल्ला द्वारा मामले को गेंद बनाने पर आक्रोश व्यक्त किया व निंदा प्रस्ताव भी व्यक्त किया । ऑनलाइन बैठक में आरटीआई कार्यकर्ता ओम प्रकाश ओझा ने कहा कि राजस्थानी भाषा की मान्यता के प्रश्न पर जिस अंदाज में प्रश्न को गेंद बनाने  का प्रयास कैबिनेट मंत्री द्वारा किया गया है उससे ऐसा लगता है कि वे लोग प्रदेश की मातृभाषा के साथ मखौल कर रहे है । ओझा ने कहा कि मैं इस बात की निंदा करता हूं । सभी भाषा प्रेमियों ने इस पर अपना रोष जताया है । इसी कड़ी में प्रदेश भर में नौजवान इस मामले को लेकर उद्वेलित हैं कि शीघ्र अति शीघ्र प्रदेश नौजवानों का रोजगार सुरक्षित करने की दृष्टि से राजस्थानी भाषा को राजभाषा बनाने का फैसला ले । अन्यथा उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा । ऑनलाइन बैठक में मनोज कुमार स्वामी , राजस्थानी मोटयार परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवदान सिंह जोलावास , डाः हरिराम बिश्नोई , प्रशांत जैन,    सुरेंद्र स्वामी , हरप्रीत शशांक , प्रह्लाद सिंह झोरड़ा , जगदीश मेघवाल , रणजीत डांगी , मगराज  , भवानीसिंह राठौड़ भावुक आदि ने ऑनलाइन बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह समय राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर के अति संवेदनशील है । 21 फरवरी मातृभाषा दिवस पर जयपुर में आयोजित राजस्थानी संसद में  लिए गए फैसलों को भी केंद्र सरकार को तथा राज्य सरकार को भिजवा दिया गया है । जिसे सरकार मांग मान्यता देकर नौजवानों की आवाज को बुलंद करें व एक जनहितकारी फैसला लेकर राजस्थान के लोगों को भाषा की आजादी दे । मनोजकुमार स्वामी प्रदेश महामंत्री राजस्थानी भाषा मान्यता समिति ने दी।

2 टिप्‍पणियां:

  1. मान्यता रै सवाल पर राजनीति करणी माड़ी बात है
    पण आपां जल्दी मान्यता लेसां, औ विश्वास है

    जय राकस्थानी जय राजस्थान

    जवाब देंहटाएं
  2. मान्यता रै सवाल पर राजनीति करणी माड़ी बात है
    पण आपां जल्दी मान्यता लेसां, औ विश्वास है

    जय राजस्थानी जय राजस्थान

    जवाब देंहटाएं

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