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सोमवार, 18 दिसंबर 2023

बीकानेर के राजेन्द्र स्वर्णकार को किया लोक साहित्य सम्मान से सम्मानित


बीकानेर के राजेन्द्र स्वर्णकार को किया लोक साहित्य सम्मान से सम्मानित
★देर रात तक चला मण्डेला स्मृति अखिल भारतीय कविसम्मेलन

★ एक से बढ़कर एक कविताएं सुनाईं कवियों ने
 

शाहपुरा, 16-17 दिसम्बर
       साहित्य सृजन कला संगम संस्थान के तत्वावधान में आयोजित 26 वें लोक कवि मोहन मण्डेला स्मृति अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में संस्था द्वारा स्थापित ‘‘लोक कवि मोहन मण्डेला स्मृति लोक साहित्य सम्मान’’ इस वर्ष राजस्थानी भाषा के ख्यातिप्राप्त छंदज्ञ कवि साहित्यकार बीकानेर के राजेन्द्र स्वर्णकार को दिया गया। सम्मान नकद राशि, श्रीफल, शॉल, उपरणा, पगड़ी एवं मान पत्र भेंट करके किया गया। 

    कार्यक्रम की अध्यक्षता शाहपुरा नगर परिषद् सभापति रघुनन्दन सोनी ने की । शाहपुरा जिला कलेक्टर टीकम चंद बोहरा कार्यक्रम के खास मेहमान रहे। 

पूर्व व्यापार मण्डल, अध्यक्ष लालूराम जागेटिया एवं अध्यक्ष राजस्थान तैराकी संघ एवं उपाध्यक्ष भारतीय तैराकी संघ अनिल व्यास, राजाधिराज बनेड़ा गोपाल चरण सिंह, बनेड़ा प्रधान प्रतिनिधि विजेन्द्र सिंह, केविएसएस अध्यक्ष प्रद्युमन सिंह, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष कन्हैया लाल धाकड़ तथा एम एल डी शिक्षण संस्थान के चैयरमेन चन्द्र प्रकाश दुबे सहित सभी विशिष्ट अतिथियों का संस्था परिवार की ओर से माला एवं स्मृति चिन्ह देकर अभिनन्दन किया गया। 

विधायक लालाराम बैरवा का किया सार्वजनिक अभिनंदन सम्मान तथा मंच पर केक काट कर बैरवा को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। 


देर रात्रि 3.00 बजे तक चले कविसम्मेलन में देश के नामचीन कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को बांधे रखा।
कवि सम्मेलन का संचालन अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवयित्री डॉ.कीर्ति काले थी ।

   कवि सम्मेलन में गीतकार मोहनपुरी माण्डलगढ़, हास्य कवि रोहित ‘झन्नाट’ इन्दौर, गीतकार डॉ. आदित्य जैन कोटा, हास्य कवि दिनेश बंटी शाहपुरा, गीतकार हास्य कवि डॉ. प्रशान्त देव आगरा, साहित्यकार कवि जिला कलेक्टर टीकमचंद बोहरा, कवि छेलु चारण छैल लूणकरणसर, वीर रस कवि राजेन्द्र पंवार बारां, शायर महबूब अली 'महबूब' टोंक, गीतकार सत्येन्द्र मण्डेला, शाहपुरा ने श्रेष्ठ काव्यपाठ किया ।
    कार्यक्रम संचालिका डॉ. कीर्ति काले ने श्रृंगार के बेहतरीन गीतों से कवि सम्मेलन को नई ऊंचाईयां प्रदान की ।
कार्यक्रम के सूत्रधार कवि डॉ. कैलाश मण्डेला ने शृंगार गीत 'आंगळयां री पौरां म, नैणा रा डोरां म, रम गयो' तथा 'हेली मेळो लाग्यो भारी' सुनाकर आयोजन को शिखर पर पहुंचा दिया। डॉ. कैलाश मण्डेला ने कार्यक्रम के मध्य में परम्परा अनुसार लोक कवि मोहन मण्डेला के लिखे कई श्रेष्ठ गीतों में से एक शृंगारिक गीत ‘जोड़ी रूपाळी’ सुनाकर सभी को आनन्दित कर दिया। 

लोक साहित्य सम्मान से सम्मानित गीतकार एवं साहित्यकार बीकानेर के कवि राजेन्द्र स्वर्णकार ने कुछ शे'र और दोहों सहित - 'लागी बिरखां री झड़ तड़ड़ तड़ड़ तड़', राजस्थानी शृंगारिक ग़ज़ल 'हुयो म्हैं बावळो' तथा अपना प्रसिद्ध गीत ‘दिवटिया’ सुना कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अंत मे सभी ने दो मिनट परम्परा अनुसार करतल ध्वनि से लोक कवि मोहन मण्डेला को श्रद्धांजलि अर्पित की। संस्थान अध्यक्ष जयदेव जोशी ने सभी का आभार प्रकट किया।
- डॉ. कैलाश मण्डेला

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