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शनिवार, 26 मार्च 2022

राजस्थानी भाषा के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेगा नौजवान - जोलावास

राजस्थानी भाषा की मान्यता की मुहिम जोर पकड़ने लगी
●राजस्थानी भाषा के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेगा नौजवान - जोलावास
●30 मार्च राजस्थान दिवस पर भाषा की मान्यता के लिए प्रवासी राजस्थानी कार्यक्रम आयोजित करेंगे 

●जोधपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंपा ज्ञापन
जोधपुर:26 मार्च । राजस्थानी मोट्यार परिषद के  राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ शिवदान सिंह जोलावास ने बताया कि राजस्थानी भाषा की मान्यता की मुहिम जोर पकड़ते हुए विधानसभा में चर्चा के स्तर तक पहुँच गयी है । राज्य के 155 से अधिक विधायक अपनी बात और भावना मुख्यमंत्री जी  को लिखकर दे चुके हैं । सभी राजस्थानी को राजभाषा बनाना चाहते हैं तो नौजवान भी राजस्थानी भाषा के लिए आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है । 

डॉ जोलावास ने बताया कि गुरुवार को विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने राजस्थानी के पक्ष में मजबूत तर्क रखते हुए कहा कि "राजभाषा के अभाव में  राजस्थान का नौजवान अपने ही राज्य में रोजगार के अवसरों से पिछड़ रहा है ।  राजस्थानी जैसी सम्रद्ध भाषा को अंग्रेजों तक ने मान्यता दे रखी थी पर आज आजादी के 75 वर्ष बाद भी अपने सम्मान के लिए संघर्ष कर रही है । विधायक ने सदन में बहस करते हुए राजस्थानी के लिए दृढ़ संकल्पबद्ध साहित्यकारों, लेखकों के योगदान की चर्चा करते राजस्थानी मोट्यार परिषद एवं उदयपुर से इस मुहिम में योगदान का उल्लेख करते हुए बताया कि आज पूरा राजस्थान मुख्यमंत्री जी को और उम्मीद से देख रहा है । 

विधायक बिहारीलाल बिश्नोई का सत्ता पक्ष के सदस्यों एवं विपक्ष के भी अनेक विधायकों ने ध्वनि मत से स्वागत किया । कामरेड बलवान पूनिया, निर्दलीय संयम लोढ़ा आदि विधायकों ने भी बात रखी । चीफ व्हीप जोगेश्वर गर्ग एवं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने तुरंत इस शासकीय संकल्प रखने को कहा । सदन में हुई इस कार्रवाई पर राजस्थानी मोट्यार परिषद ने राजस्थानी भाषा के समर्थकों, विद्वानों और विधायकों का आभार जताया है साथ ही भाजपा से भी उम्मीद करी । मोट्यार परिषद ने सूरतगढ़ के मनोज कुमार स्वामी के अगुवाई में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, जोधपुर में प्रदेश उपाध्यक्ष जगदीश मेघवाल और मगराज के नेतृत्व में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी से भेंट कर पुनः संकल्प की याद दिलाई और उन्हें इसी सत्र में राजस्थानी को राजभाषा बनाने की पुरजोर मांग करी ।

डॉ जोलावास ने कहा कि 30 मार्च राजस्थान दिवस पर आठ प्रदेश की राजधानी में प्रवासी राजस्थानी द्वारा विविध आयोजन किए जा रहे हैं, इसमें बेंगलुरु, सूरत, कोलकाता, दिल्ली आदि के प्रवासी राजस्थानी अपनी भाषा के संघर्ष के लिए अब एक जुट होकर मांग कर रहे हैं। राजस्थान दिवस पर अमेरिका में प्रवासी राजस्थानी डोरी ( डॉक्टर ऑफ राजस्थान इंटरनेशनल) फाउंडेशन चैयरमेन डॉ जयवीर सिंह राठौड़ के साथ मोट्यार परिषद का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री जी से भेंट करेगा।

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