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शनिवार, 19 जून 2021

राज्य स्तरीय राजस्थानी साहित्य ऑनलाइन परीक्षा का परिणाम जारी। बेटियो नें बाजी मारी।

राज्य स्तरीय राजस्थानी साहित्य ऑनलाइन परीक्षा का परिणाम जारी। बेटियो नें बाजी मारी।
जयपुुुरः21जूूून।
कोरोना काल में कक्षा 12 के विद्यार्थियों की पढ़ाई को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए हनुमानगढ़ जिले के राउमावि. बिरकाली के राजस्थानी साहित्य के प्राध्यापक सुरेंद्र कुमार स्वामी के द्वारा शुरू किये गये इस नवाचार की प्रदेशभर के शिक्षाविदों ने सराहना की। सुरेन्द्र स्वामी नें बताया कि परीक्षा के आयोजन हेतु प्रदेश के शिक्षा अधिकारियों, राज्य के राजस्थानी प्राध्यापकों, आईआईटी मद्रास के विद्यार्थी महावीर प्रसाद मूंड और विद्यार्थियों से राय लेकर उसके सिलेबस को तीन भागो में बांटा गया, उसके पश्चात चौथै पेपर में सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को शामिल करते हुऐ, परीक्षा 3 से 15 जून तक 4 चरणों में ऑनलाइन करवाई गई थी। परीक्षा के दिन उसका लिंक राजस्थानी प्राध्यापकों के माध्यम से विद्यालय के स्माईल ग्रूप के माध्यम से विद्यार्थियों तक पहुचाया गया। आयोजन के लिए वेब एवं टेक्निकल सहयोगी महावीर मूंड नें बताया की परीक्षा में प्रदेशभर से 12 सौ से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। परीक्षा परिणाम 18 जून को राजस्थानी त्रैमासिक पत्रिका 'कथेसर' के फेसबुक पेज पर लाईव प्रसारण के माध्यम से डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी, आईएएस, जिला क्लेक्टर, नागौर की अध्यक्षता में जारी किया गया। डॉ. सोनी ने बताया कि कोरोना काल में राज्य सरकार नें डिजिटल माध्यम से ई-कक्षा, स्माईल-2 के माध्यम से शिक्षण सामग्री बच्चो तक पहुंचाई जिससे उनका शिक्षण कार्य सुचारू रूप से चलता रहा। इस प्रकार की ऑनलाइन परीक्षा का वर्तमान समय मे बहुत अधिक महत्व है। इस प्रतियोगी के विजेता विद्यार्थियों के नामो की घोषणा करते हुऐ उनको शुभकामनाएं दी तथा अपनी मातृभाषा राजस्थानी के प्रति सदैव जूड़े रहने की प्रेरणा देते हुऐ भाषा की पढाई से भविष्य में होने वाले लाभो से परिचित करवाया। हंसराज जाजेवाल, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक, हनुमानगढ़ ने बताया कि इस प्रकार के नवाचारों से शिक्षण सामग्री विद्यार्थियों तक पहुंचाने में सुविधा होगी। राजस्थानी साहित्य की परीक्षा की तरह अन्य विषयों की परीक्षा भी आयोजित होनी चाहिए जिससे विद्यार्थी निरंतर पढ़ाई से जुड़े रहे। हरलाल ढाका, कार्यक्रम अधिकारी, समसा, हनुमानगढ़ के अनुसार यह एक बहुत ही शानदार नवाचार है इससे प्रेरित होकर प्रदेश के अन्य शिक्षक साथी भी इसी प्रकार के आयोजन भविष्य में करवाते रहें। जिनेंद्र सोनी, निदेशक, मिशन ज्ञान, जयपुर ने बताया कि आज का युग टेक्नोलॉजी का युग है, इसके साथ हमें चलना अति आवश्यक है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए राजस्थानी के प्राध्यापकों ने यह बहुत ही  शानदार कार्य किया है, मिशन ज्ञान विधार्थियो की ऑनलाइन शिक्षण सामग्री के लिए लम्बे समय से कार्य कर रहा है। डॉ.गजे सिंह राजपुरोहित, निदेशक, बाबा रामदेव शोधपीठ, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर ने विजेता विद्यार्थियो को नगद पुरस्कार की घोषणा करते हुऐ कहा कि राजस्थानी प्रदेश की मातृभाषा है, इसका संवर्धन, विकास व विस्तार करना हम सब प्रदेशवासियों का परम कर्तव्य है, इसके साथ हमारे संस्कार, कला, साहित्य और जीवन का हर पहलू जुड़ा है राजस्थान के इतिहास को अगर जानना है तो पहले हमें राजस्थानी साहित्य को पढ़ना जरूरी है। राजेंद्र स्वामी, प्राचार्य, एसएमडी स्कूल, सीकर ने कहा कि हमारी मातृभाषा राजस्थानी की मिठास को विदेशों में सराहा जाता है सरकार को इसे रोजगार में रोजगार के नये अवसर पैदा करने चाहिये जिससे इसका संवर्धन और विकास और ज्यादा हो सके। रामसिंह बीठू ने बताया कि मौजूदा रीट - अध्यापक पात्रता परीक्षा में राजस्थानी साहित्य का इतिहास, शब्द, लोकोक्ति, मुहावरे आदि शामिल किये गये जिनका लाभ प्रदेश के स्थानीय बेरोजगार युवाओ को मिलेगा। अरविन्द कस्वां, प्रधानाचार्य, राउमावि बिरकाली ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुऐ कहा कि आज के समय में ऑनलाइन शिक्षा का महत्व बढ़ता जा रहा है, इस परीक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों ने अपने आपको ऑनलाइन माध्यम से जोड़ा जो उनके भविष्य में बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। डॉ.रामरतन लटियाल मेड़ता ने भी टॉप 10 विजेताओं के लिए साहित्यिक पुस्तकों की घोषणा करते हुऐ  राजस्थानी साहित्य के इतिहास पर प्रकाश डाला व इसके विभिन्न काल खंडों के साहित्यकारो की जीवनियों पर प्रकाश डालते हुऐ उसके विद्यार्थियों के सामने उनका इतिहास प्रस्तुत किया। सवाई सिंह चारण, जैतारण, पाली ने शीर्ष तीन स्थानों पर रहे विद्यार्थियों को राजस्थान साहित्य से जुड़े रहने की  प्रेरणा देते हुए उनको साहित्य पुस्तकों से  सम्मानित कर आगे की पढ़ाई के लिए प्रेरित किया व बताया कि समय समय पर इस प्रकार के आयोजन होने आवश्यक है। डॉ. हरीराम बिश्नोई, बीकानेर नें युवा नौजवानों से आह्वान किया कि प्रदेश की महाविद्यालय स्कूलों में अधिक से अधिक संख्या में राजस्थानी साहित्य विषय संचालन करने के लिए एक मुहिम चलाई जाए जिससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान हो सके। आईआईटी मद्रास के विद्यार्थी महावीर मूंड नें मंच संचालन करते हुए विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा मे हो रहे नवाचारो से अवगत करवाया तथा सदैव अपनी मातृभाषा के विकास के लिए कार्य करने हेतु प्रेरित किया। इस अवसर पर राजस्थानी साहित्य के समस्त प्राध्यापकगण, परीक्षार्थियों, अभिभावकों, हजारो श्रोताओं नें घर बैठै इस ऑनलाइन कार्यक्रम को देखा ओर बच्चो का उत्साह बढ़ाया।
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विजेता विद्यार्थी
प्रथम - रितु बेनिवाल पुत्री हनुमान प्रसाद बेनिवाल, राउमावि. बिरकाळी, नोहर, हनुमानगढ़

द्वितीय - कविता पुत्री सुखराम, राउमावि. जाम्भा की ढाणी, फलोदी, जोधपुर

तृतीय - रेणु कंवर चारण पुत्री रूपसिंह चारण, राउमावि. जैतारण, पाली व स्वानि पुत्री भंवरलाल, राउमावि. सरदारपुरा खर्था, सूरतगढ़, श्रीगंगानगर
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पुरस्कार
प्रथम - 2100 रूपये नगद, राजस्थानी पत्रिका की एक वर्ष निःशुल्क सदस्यता, राज्य स्तरीय प्रमाण पत्र

द्वितीय - 1500 रूपये नगद, राजस्थानी पत्रिका की एक वर्ष निःशुल्क सदस्यता, राज्य स्तरीय प्रमाण पत्र

तृतीय - 1000 रूपये नगद, राजस्थानी पत्रिका की एक वर्ष निःशुल्क सदस्यता, राज्य स्तरीय प्रमाण पत्र

● टॉप 100 विद्यार्थियो को एक राजस्थानी पत्रिका की एक वर्ष के लिए निःशुल्क सदस्यता

● 15 जून की परीक्षा में शामिल सभी विद्यार्थियों को राज्य स्तरीय प्रमाण पत्र
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राज्य स्तरीय राजस्थानी साहित्य ऑनलाइन परीक्षा आयोजन के लिए सहयोगी संस्थाए व राजस्थानी पत्रिकाएं

1. आखर राजस्थान - प्रमोद शर्मा, जयपुर
2. माणक - पदम मेहता, जयपुर
3. कथेसर - सत्यनारायण सोनी व रामस्वरूप किसान, परलिका, हनुमानगढ़
4. रूड़ो राजस्थान - डॉ.सुखदेव राव, जोधपुर
5. सूरतगढ़ टाइम्स - मनोज कुमार स्वामी, सूरतगढ़, श्रीगंगानगर

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